A Review Of Shiv chaisa
A Review Of Shiv chaisa
Blog Article
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
Devotees who chant these verses with rigorous appreciate come to be prosperous via the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to have children, have their dreams fulfilled just after partaking of Shiva-prasad with faith and devotion.
शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
हनुमान चालीसा लिरिक्स
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
पूजन रामचंद्र Shiv chaisa जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक Shiv chaisa कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का shiv chalisa lyricsl नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥